गजलें कविता 11वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
(अ) दोस्ती
दोस्त है तो मेरा कहा भी मान
मुझसे शिकवा भी कर, बुरा भी मान
दिल को सबसे बड़ा हरीफ समझ
और इस संग को खुदा भी मान
मैं कभी सच भी बोल देता हूँ
गाहे-गाहे मेरा कहा भी मान
याद कर देवताओं के अवतार
हम फकीरों का सिलसिला भी मान
कागजों की खामोशियाँ भी पढ़
इक-इक हर्फ को सदा भी मान
आजमाइश में क्या बिगड़ता है
फर्ज कर और मुझे भला भी मान
मेरी बातों से कुछ सबक भी ले
मेरी बातों का कुछ बुरा भी मान
गम से बचने की सोच कुछ तरकीब
और इस गम को आसरा भी मान
गजलें कविता 11वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
मौजूद
तूफॉं तो इस शहर में अक्सर आता है
देखें, अबके किसका नंबर आता है
यारों के भी दॉंत बहुत जहरीले हैं
हमको भी सॉंपों का मंतर आता है
सूखे बादल होंठों पर कुछ लिखते हैं
आँखों में सैलाब का मंजर आता है
तकरीरों में सबके जौहर खुलते हैं
अंदर जो पलता है, बाहर आता है
बचकर रहना, एक कातिल इस बस्ती में
कागज की पोशाक पहनकर आता है
बोता है वो रोज तअफ्फुन जहनों में
जो कपड़ों पर इत्र लगाकर आता है.
रहमत मिलने आती है पर फैलाए
पलकों पर जब कोई पयंबर आता है
सूख चुका हूँफिर भी मेरे साहिल पर
पानी पीने रोज समंदर आता है
उन आँखों की नींदें गुम हो जाती हैं
जिन आँखों को ख्वाब मयस्सर आता है
गजलें कविता 11वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
कवि परिचय -
राहत इंदौरी जी का जन्म १ जनवरी १९5० को इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ। उर्दूमें एम.ए. और पीएच.डी.
करने के बाद इंदौर विश्वविद्यालय में सोलह वर्षों तक उर्दू साहित्य का अध्यापन किया। त्रैमासिक पत्रिका ‘शाखें’ के दस
वर्षतक संपादक रहे। आप उन चंद शायरों में हैं जिनकी गजलों ने मुशायरों को साहित्यिक स्तर और सम्मान प्रदान किया
है। आपकी गजलों में आधुनिक प्रतीक और बिंब विद्यमान हैं, जो जीवन की वास्तविकता दर्शाते हैं।
प्रमुख कृतियाँ ः ‘चाँद पागल है’, ‘रुत’, ‘मौजूद’, ‘धूप बहुत है’, ‘दो कदम और सही’ (गजल संग्रह) आदि।
काव्य प्रकार -
‘गजल’ एक विशेष प्रकार की काव्य विधा है। गजल के प्रारंभिक शेर को ‘मतला’ और अंतिम शेर को
‘मकता’ कहते हैं। शेर में आए तुकांत शब्द को ‘काफिया’ और दोहराए जाने वाले शब्दों को ‘रदीफ’ कहते हैं। गजल में
अधिकांश रूप में प्रेम भावनाओं का चित्रण होता है। गजल की असली कसौटी उसकी प्रभावोत्पादकता है। गजल का हर
शेर स्वयंपूर्ण होता है। गुलजार,नीरज,दुष्यंत कुमार,कुँअर बेचैन, राजेश रेड्डी, रवींद्रनाथ त्यागी आदि प्रमुख गजलकार हैं।
काव्य परिचय -
प्रस्तुत पहली गजल में कवि ने दोस्ती के अर्थ और उसके महत्त्व को दर्शाया है। दूसरी गजल में कवि ने
वर्तमान स्थिति का चित्रण किया है। लोग जो होते हैं, दिखाते नहीं हैं और जैसा दिखाते हैं वैसे वे होते नहीं हैं। मनुष्य के इसी
दोगलेपन पर गजलकार ने व्यंग्य किया है। प्रस्तुत गजलें नया हौसला निर्माण करने वाली, उत्साह दिलाने वाली, सकारात्मकता
तथा संवेदनशीलता को जगाने वाली हैं, जिसमें जिंदगी के अलग-अलग रंगों का खूबसूरत इजहार है।
गजलें कविता 11वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
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