छोटी-सी हमारी नदी के प्रश्न उत्तर | Class 5 Hindi Chapter 17 | CChoti Si Hamari Nadi Question Answer
तुम्हारी नदी
Question 1. तुम्हारी देखी हुई नदी भी ऐसी ही है या कुछ अलग है? अपनी परिचित नदी के बारे में छूटी हुई जगहों पर लिखो-
Answer:
चंचल – सी हमारी नदी तेज इसकी धार
गर्मियों में हम बच्चे, मिलकर जाते पार
Question 2. कविता में दी गई इन बातों के आधार पर अपनी परिचित नदी के बारे में बताओ
- धार
- पाट
- बालू
- कीचड़
- किनारे
- बरसात में नदी
Answer:
- धार-मेरी परिचित नदी की धार बहुत तेज है।।
- बालू-नदी के तल में सफेद बालू है।
- कीचड़-बरसात के दौरान इस नदी में थोड़ा-बहुतं कीचड़ हो जाता है।
- किनारे-इस नदी के किनारों पर नारियल के पेड़ हैं।
- बरसात में नदी-बरसात के दौरान नदी में पानी भर आता है।
Question 3. तुम्हारी परिचित नदी के किनारे क्या-क्या होता है?
Answer:
मेरी परिचित नदी के किनारे एक बड़ा-सा मंदिर है। श्रद्धालुगण नदी में नहाकर उसका जल लोटा में लेकर मंदिर में पूजा करने जाते हैं। गाँव के बच्चे नदी में खूब उछल-कूद करते हैं। वे मिलकर नदी से मछलियाँ भी पकड़ते हैं। नदी में बहुत-सी नावें भी होती हैं जो लोगों को इस पार से उस पार ले जाती हैं।
Question 4. तुम जहाँ रहते हो, उसके आस-पास कौन-कौन सी नदियाँ हैं? वे कहाँ से निकलती हैं और कहाँ तक जाती हैं? पता करो।
Answer:
स्वयं करो।
कविता के बाहर
Question 1. इसी किताब में नदी का ज़िक्र और किस पाठ में हुआ है? नदी के बारे में क्या लिखा है?
Answer:
इस कविता को फिर से पढ़ो और बताओ कि नदी के बारे में उसमें क्या लिखा है।
Question 2. नदी पर कोई और कविता खोजकर पढ़ो और कक्षा में सुनाओ।
Answer:
स्वयं करो।
Question 3. नदी में नहाने के तुम्हारे क्या अनुभव हैं?
Answer:
एक बार जब मैं नानी के घर गया था, मुझे नदी में नहाने का अवसर मिला। नदी के अथाह पानी में नहाना एक अलग किस्म का सुखद अनुभव देता है। पानी से निकलने का कभी मन नहीं करता। मैं तो बहुत देर तक नहाता रहा। जबकि मेरे साथ के सारे बच्चे निकल गए। फिर नानाजी के आने और उनके कई बार कहने पर मैं नदी से बाहर आया। आह! कितना मजेदार है नदी में नहाना। काश! ऐसा मौका बार-बार मिलता।
Question 4. क्या तुमने कभी मछली पकड़ी है? अपने अनुभव साथियों के साथ बाँटो।
Answer:
स्वयं करो।
ये किसकी तरह लगते हैं?
1. नदी की टेढ़ी-मेढ़ी धार?
2. किचपिच-किचपिच करती मैना?
3. उछल-उछल के नदी में नहाते कच्चे-बच्चे?
Answer:
1. साँप की तरह।
2. स्वयं करो।
3. ऐसे लगते है जैसे बहुत-सारी मछलियाँ एकसाथ उछल-कूद कर रही हों।
कविता और चित्र
कविता के पहले पद को दुबारा पढ़ो। वर्णन पर ध्यान दो। इसे पढ़कर जो चित्र तुम्हारे मन में उभरा उसे बनाओ। बताओ चित्र में तुमने क्या-क्या दर्शाया?
Answer:
स्वयं करो।
कविता से
Question 1. इस कविता के पद में कौन-कौन से शब्द तुकांत हैं? उन्हें छाँटो।
Answer:
तुकांत शब्दों की सूची
- धार-पार
- चालू-ढालू
- नाम-धाम
- डार-सियार
- वन-सघन
- नहालें-ढालें
- नहाना–छाना
- रेती-देती
- उतराती-दलानी
- कोलाहल-चंचल
- रोला-टोला।
Question 2. किस शब्द से पता चलता है कि नदी के किनारे जानवर भी जाते थे?
Answer:
ढोर-डंगर।
Question 3. इस नदी के तट की क्या खासियत थी?
Answer:
तट ऊँचे थे और पाट ढालू।
Question 4. अमराई दूजे किनारे …………… चल देतीं।
कविता की ये पंक्तियाँ नदी किनारे का जीता-जागता वर्णन करती हैं। तुम भी निम्नलिखित में से किसी एक का वर्णन अपने शब्दों में करो
(i) हफ्ते में एक बार लगने वाला हाट
(ii)तुम्हारे शहर या गाँव की सबसे ज्यादा चहल-पहल वाली जगह
(iii) तुम्हारे घर की खिड़की या दरवाज़े से दिखाई देने वाला बाहर का दृश्य
(iv) ऐसी जगह का दृश्य जहाँ कोई बड़ी इमारत बन रही हो।
Answer:
हफ्ते में एक बार लगने वाला हाट
हमारे इलाके में मंगल बाजार हर हफ्ते लगता है। उस दिन दोपहर के बाद से ही सड़कों पर चहल-पहल शुरू हो जाती है। और शाम होते-होते बाजार तरह-तरह की दुकानों से सज जाता है। यहाँ हर तरह की चीज़ सस्ते में उपलब्ध है। जो स्थायी दुकानें हैं उनको विशेष रूप से सजाया जाता है। जो दुकानें उस दिन के लिए लगायी जाती हैं, वे भी अच्छी तरह सजी होती हैं। सब्जीवाले सब्जियों को कलात्मक ढंग से सजाते हैं। मेले जैसी भीड़ में से। गुजरना बड़ा मुश्किल हो जाता है। स्त्री-पुरूष, बच्चे-बूढ़े सभी मंगल बाजार से अपनी जरूरत की चीजें खरीदते नजर आते हैं। इस बाज़ार की खासियत है कि एक जगह पर सेब जरूरत की चीजें मिल जाती हैं।
Question 5. तेज़ गति शोर मोहल्ला धूप किनारा घना
ऊपर लिखे शब्दों के लिए कविता में कुछ खास शब्दों का इस्तेमाल किया गया है। उन शब्दों को नीचे दिए अक्षरजाल में हूँढ़ो।
Answer:
Chhoti Si Hamari Nadi Class 5 Notes CBSE Hindi Chapter 17
छोटी-सी हमारी नदी टेढ़ी-मेढ़ी धार, गर्मियों में घुटने भर भिगो कर जाते पार । पार जाते ढोर-डंगर, बैलगाड़ी चालू, ऊँचे हैं किनारे इसके, पाट इसका ढालू । पेटे में झकाझक बालू कीचड़ का न नाम, काँस फूले एक पार उजले जैसे घाम । दिन भर किचपिच - किचपिच करती मैना डार - डार, रातों को हुआँ-हुआँ कर उठते सियार । अमराई दूजे किनारे और ताड़ - वन, छाँहों-छाँहों बाम्हन टोला बसा है सघन ।
कच्चे-बच्चे धार - कछारों पर उछल नहा लें, गमछो- गमछों पानी भर-भर अंग-अंग पर ढालें । कभी-कभी वे साँझ-सकारे निबटा कर नहाना छोटी-छोटी मछली मारें आँचल का कर छाना । बहुएँ लोटे - थाल माँजती रगड़-रगड़ कर रेती, कपड़े धोतीं, घर के कामों के लिए चल देतीं। जैसे ही आषाढ़ बरसता, भर नदिया उतराती, मतवाली-सी छूटी चलती तेज़ धार दन्नाती। वेग और कलकल के मारे उठता है कोलाहल, गँदले जल में घिरनी- भँवरी भँवराती है चंचल | दोनों पारों के वन-वन में मच जाता है रोला, वर्षा के उत्सव में सारा जग उठता है टोला
रवींद्रनाथ ठाकुर
chhoti si hamari nadi | class 5 Hindi Chapter 17 question answer
- NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 17 छोटी-सी हमारी नदी
- Class 5 Hindi Chapter 17 | Choti Si Hamari Nadi (Poem)
- छोटी-सी हमारी नदी (प्रश्न-उत्तर) कक्षा-5 हिंदी पाठ-17
- NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chotti Si Hamari Nadi
- Chhoti Si Hamari Nadi Class 5 Notes CBSE Hindi Chapter 17
- class 5 hindi chapter 17 - छोटी-सी हमारी नदी | Rimjhim
- Chapter 17 | छोटी-सी हमारी नदी | CBSE |NCERT |Hindi
- chhoti si hamari nadi | class 5 Hindi Chapter 17 question answer
- Chotti Si Hamari Nadi छोटी सी हमारी नदी
- NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 17 छोटी-सी हमारी नदी