एक माँ की बेबसी के प्रश्न उत्तर | Class 5 Hindi Chapter 9 | Ek Maa Ki Bebasi Question Answer
कविता से
Question: 1. यह बच्चा कवि के पड़ोस में रहता था, फिर भी कविता ‘अदृश्य पड़ोस’ से शुरु होती है। इसके कई अर्थ हो सकते हैं, जैसे|
(क) कवि को मालूम नहीं था कि यह बच्चा ठीक-ठीक किस घर में रहता था।
(ख) पड़ोस में रहने वाले बाकी बच्चे एक-दूसरे से बातें करते थे, पर यह बच्चा बोल नहीं पाता था, इसलिए पड़ोसी होने के बावजूद वह दूसरे बच्चों के लिए अनजाना था। इन दो में से कौन-सा अर्थ तुम्हें ज्यादा सही लगता है? क्या कोई और अर्थ भी हो सकता है?
Answers:
(क) कवि को मालूम नहीं था कि यह बच्चा ठीक-ठीक किस घर में रहता था।
Question: 2. “अंदर की छटपटाहट’ उसकी आँखों में किस रूप में प्रकट होती थी?
(क) चमक के रूप में
(ख) डर के रूप में
(ग) जल्दी घर लौटने की इच्छा के रूप में
Answers:
(ख) डर के रूप में।
तरह-तरह की भावनाएँ
Question: 1. नीचे लिखी भावनाएँ कब या कहाँ महसूस होती हैं?
(क) छटपटाहट
अधीरता – कहीं जाने की जल्दी हो और जाना संभव न हो। जैसे-स्कूल की छुट्टी में अभी काफी देर हो, पर घर पर ऐसा कोई मेहमान आने वाला हो जिसे तुम बहुत पसंद करते हो।
इच्छा – किसी चीज़ को पाने की इच्छा हो पर वह तुरंत न मिल सकती हो। जैसे-भूख लगी हो, पर खाना तैयार न हो।
संदेश – हम कोई संदेश देना चाह रहे हों पर दूसरे समझ न पा रहे हों। जैसे-शिक्षक से कहना हो कि घंटी बज गई है, अब पढ़ाना बंद करें, पर उन्हें घंटी सुनाई न दी हो।
इनमें से कौन-सा अर्थ या संदर्भ इस बच्चे पर लागू होता है?
Answers:
‘छटपटाहट’ तब महसूस होती है जब हम अपनी इच्छानुसार काम नहीं करवा पाते हैं।
ऊपर ‘छटपटाहट’ के तीन अर्थ या संदर्भ दिए हुए हैं। इनमें से ‘संदेश वाला’ अर्थ बच्चे पर लागू होता है। रतन इशारों में अपनी बात अपने साथ खेलने वाले बच्चों तक पहुँचाना चाहता है। परन्तु बच्चे उसके इशारों को नहीं समझ पाते हैं। इस पर वह छटपटाहट महसूस करता है।
(ख) घबराहट : हमें जब किसी बात की आशंका हो तो घबराहट महसूस होती है। जैसे-
(क) अँधेरा होने वाला हो और हम घर से काफी दूर हों या अकेले हों।
(ख) समय कम हो और हमें कोई काम पूरा कर लेना हो-जैसे परीक्षा में देखा जाता है।
(ग) यह डर हो कि दूसरे के मन में क्या चल रहा है।
जैसे-पापा को मालूम चल गया हो कि काँच का गिलास तुमसे टूटा है।
Question: 2. जो बच्चा बोल नहीं सकता, वह किस-किस बात की आशंका से ‘घबराहट महसूस कर सकता है?
Answers:
लोग उसके इशारों को ठीक-ठीक समझ पा रहे हैं या नहीं।
कहीं कोई बेवजह डाँटने न लगे।
कहीं कोई हम उम्र बच्चा उसे चिढ़ाने न लगे।
Question: 3. “थोड़ा घबराते भी थे हम उससे, क्योंकि समझ नहीं पाते थे उसकी घबराहटों को
● रतन क्या सोचकर घबराता होगा?
● अपने दोस्तों से पूछकर पता करो, कौन क्या सोचकर और किस काम को करने में घबराता है। कारण भी पता करो।।
दोस्त/सहेली का नाम | किस बात से घबराता है? | घबराने का कारण |
अमर | अकेलेपन से | अकेला पाकर कोई उसे पकड़ न ले। |
सुगन्धा | अँधेरे से | कहीं बिल्ली न आ जाए। |
सुचिता | पहाड़ों से | कहीं पहाड़ उस पर गिर न जाए। |
सौरभ | नदी से | कहीं अचानक नदी में बाढ़ न आ |
जाए और उसे डुबा न ले। |
भाषा के रंग
Question: 1. कवि ने इस बच्चे को ‘टूटे खिलौने’ की तरह बताया है। जब कोई खिलौना टूट जाता है तो वह उस तरह से काम नहीं कर पाता जिस तरह से पहले करता था। संदर्भ के अनुसार खाली स्थान भरो।
खिलौना | टूटने का कारण | नतीजा |
गाड़ी | पहिया निकल जाने पर। | चल नहीं पाती |
गुड़िया | सीटी निकल जाने पर | बज नहीं पाती |
गेंद | हवा निकल जाने पर | उछल नहीं पाती |
जोकर | चाबी निकल जाने पर | हँसा नहीं पाता। |
Question: 2. “बेबस’ शब्द ‘बे’ और ‘वश’ को जोड़कर बना है। यहाँ बे का अर्थ ‘बिना’ है। नीचे दिए शब्दों में यही ‘बे’ छिपा है। इस सूची में तुम और कितने शब्द जोड़ सकती हो?
देखने के तरीके
Question: 1. इस कविता में देखने से संबंधित कई शब्द आए हैं। ऐसे छह शब्द छाँटकर लिखो
Answers:
- अदृश्य
- देखने में
- इशारे
- निहारती
- आँखों में
- झलकती
Question: 2. “माँ की आँखों में झलकती उसकी बेबसी”
आँखें बहुत कुछ कहती हैं। वे तरह-तरह के भाव लिए हुए होती हैं। नीचे ऐसी कुछ आँखों का वर्णन है। इनमें से कौन-सी नज़रें तुम पहचानते हो
- सहमी नज़रें
- प्यार भरी नज़रें
- क्रोध भरी आँखें
- उनींदी आँखें
- शरारती आँखें
- डरावनी आँखें।
Answers:
मैं इन नज़रों को पहचानता हूँ
- प्यार भरी नज़रें
- क्रोध भरी आँखें
- शरारती आँखें।
- डरावनी आँखें।
Question: 3. नीचे आँखों से जुड़े कुछ मुहावरे दिए गए हैं। तुम इनका प्रयोग किन संदर्भो में करोगे?
- आँख दिखाना
- नज़र चुराना
- आँख का तारा
- नज़रें फेर लेना
- आँख पर पर्दा पड़ना
Answers:
आँख दिखाना-बच्चा जब जिद पर अड़ गया तो माँ ने आँखें दिखाईं। (डराने के अर्थ में)
नज़र चुराना-झूठ बोलकर वह निकल तो गया लेकिन उसके बाद मुझसे नज़रें चुराने लगा। (किसी की नज़र से ओझल होने की कोशिश करना
आँख का तारी-रतन अपनी माँ की आँखों का तारा था। (प्यारा)
नज़रें फेर लेना-मतलब पूरा होते ही उसने नज़रें फेर लीं। (बदल गया)
आँख पर पर्दा पड़ना-मि. सिन्हा को अपने बेटे की गलती नज़र नहीं आती। उनकी आँखों पर पर्दा पड़ा हुआ है। (नहीं दिखना)
माँ
“याद आती रतन से अधिक
उसकी माँ की आँखों में झलकती उसकी बेबसी”
Question: 1. रतन की माँ की आँखों में किस तरह की बेबसी झलकती होगी?
Answers:
अपने बेटे को बोल सकने में असमर्थ देखकर।।
Question: 2. अपनी माँ के बारे में सोचते हुए नीचे लिखे वाक्यों को पूरा करो
(क) मेरी माँ बहुत खुश होती हैं जब मैं अच्छे अंकों से परीक्षा में पास होता हूँ।
(ख) माँ मुझे इसलिए डाँटती हैं क्योंकि मुझे गलती का अहसास हो और दोबारा वह गलती न करू।
(ग) मेरी माँ चाहती है कि मैं एक नेक और सच्चा इंसान बनें।
(घ) माँ उस समय बहुत बेबस हो जाती है जब मैं कभी बीमार पड़ जाता हूँ।
(ङ) मैं चाहती/ता हूँ कि मेरी माँ की आयु लम्बी और स्वस्थ हो।
एक माँ की बेबसी के प्रश्न उत्तर | Class 5 Hindi Chapter 9 | Ek Maa Ki Bebasi Question Answer
एक माँ की बेबसी
इस कविता को पढ़ते समय, आँखों के सामने कई चित्र
बनते हैं। बचपन का चित्र, बचपन के खास समय-खेल
और साथियों का चित्र, उन साथियों में एक खास साथी
रतन का और एक माँ का चित्र। इसे पढ़ो और महसूस करो।
कविता धीरे-धीरे पढ़ने की चीज़ है। उसे मन में
उतरने में काफ़ी समय लगता है। कभी-कभी तो बरसों
बाद हम बचपन की पढ़ी कविता पढ़ते हैं तो लगता
है- पहली बार पढ़ा है इसे । कविता पढ़ने के बाद मन
के किसी कोने में घर बना लेती हैं। किसी मौके पर
वह उभर आती है।
कविता, कहानी, सबके साथ यह होता है। इसीलिए
हमें इससे चिंतित होने की ज़रूरत नहीं कि कविता
एक बार में पूरी तरह समझ में आ
रही है या नहीं। अगर उससे सिर्फ़
एक चित्र ही उभरता है तो भी कविता
कामयाब है।
न जाने किस अदृश्य पड़ोस से
निकल कर आता था वह
खेलने हमारे साथ -
रतन, जो बोल नहीं सकता था
खेलता था हमारे साथ
एक टूटे खिलौने की तरह
देखने में हम बच्चों की ही तरह
था वह भी एक बच्चा।
लेकिन हम बच्चों के लिए अजूबा था
क्योंकि हमसे भिन्न था।
थोड़ा घबराते भी थे हम उससे
क्योंकि समझ नहीं पाते थे
उसकी घबराहटों को,
न इशारों में कही उसकी बातों को,
न उसकी भयभीत आँखों में
हर समय दिखती
उसके अंदर की छटपटाहटों को।
जितनी देर वह रहता
पास बैठी उसकी माँ
निहारती रहती उसका खेलना।
अब जैसे-जैसे
कुछ बेहतर समझने लगा हूँ
उनकी भाषा जो बोल नहीं पाते हैं
याद आती
रतन से अधिक
उसकी माँ की आँखों में
झलकती उसकी बेबसी।
राजेश जोशी
एक माँ की बेबसी के प्रश्न उत्तर | Class 5 Hindi Chapter 9 | Ek Maa Ki Bebasi Question Answer
- एक माँ की बेबसी कविता का अर्थ
- NCERT Solutions for Class 5 Hindi Chapter 9 एक माँ की बेबसी
- NCERT Solutions for Class 5 Hindi Ek Maa Ki Bebasi
- एक माँ की बेबसी | Ek Maa Ki Bebasi Class 5 Chapter 9 Solved
- Ek Maa Ki Bebasi एक माँ की बेबसी कविता
- Ek Maa Ki Bebasi Poem Class 5 Notes CBSE Hindi Chapter 9
- NCERT Solutions: Ek Maa Ki Bebasi Notes | Study Hindi Class 5
- एक माँ की बेबसी 5th Class NCERT CBSE Hindi Chapter 09
- NCERT Class 5 Hindi Ninth Chapter एक माँ की बेबसी
- Class 5th Hindi lesson 9 question answer
- एक माँ की बेबसी के प्रश्न उत्तर Class 5