चुनिंदा शेर कविता 12वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
गजलों से खुशबू बिखराना हमको आता है ।
चट्टानों पर फूल खिलाना हमको आता है ।
× × × ×
परिंदों को शिकायत है, कभी तो सुन मेरे मालिक ।
तेरे दानों में भी शायद, लगा है घुन मेरे मालिक ।
× × × ×
हम जिंदगी के चंद सवालों में खो गए ।
सारे जवाब उनके उजालों में खो गए ।
× × × ×
चट्टानी रातों को जुगनू से वह सँवारा करती है ।
बरसों से इक सुबह हमारा नाम पुकारा करती है ।
× × × ×
वह आसमाँ पे रोज एक ख्वाब लिखता था ।
उसे पता न था वह इन्कलाब लिखता था ।
× × × ×
हँसी से अपने आँसुओं को छुपाकर देखो ।
नया मुखौटा ये चेहरे पे लगाकर देखो ।
× × × ×
वह फकीरों की दुआओं में असर देता है ।
आँख से इत्र बाँटने का हुनर देता है ।
× × × ×
इसमें लाशें भी मिला करती हैं, तुम जरा देख-भाल तो लेते,
इसको माँ कह के पूजनेवालो, इस नदी को खँगाल तो लेते ।
× × × ×
जब भी पानी किसी के सर से गुजर जाएगा ।
तब वह सीने में नई आग ही लगाएगा ।
× × × ×
आँखों में बहुत बाढ़ है, शेष सब कुशल ।
जीवन नहीं अषाढ़ है, फिर शेष सब कुशल ।
× × × ×
सड़क ने जब मेरे पैरों की उँगलियाँ देखीं;
कड़कती धूप में सीने पे बिजलियाँ देखीं ।
× × × ×
साँस हमारी हमें पराये धन-सी लगती है,
साहुकार के घर गिरवी कंगन-सी लगती है ।
× × × ×
किसी का सर खुला है तो किसी के पाँव बाहर हैं,
जरा ढंग से तू अपनी चादरों को बुन मेरे मालिक ।
× × × ×
वह जो मजदूर मरा है, वह निरक्षर था मगर,
चुनिंदा शेर कविता 12वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
कवि परिचय -
- कैलाश सेंगर जी का जन्म १६ फरवरी १९54 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ । सहज-सरल हिंदुस्तानी भाषा में लिखी आपकी रचनाएँ सामान्य आदमी की जिंदगी में घुली वेदना, प्रश्न, भावना और उसकी धड़कन को व्यक्त करती हैं ।
- काव्य में किए जाने वाले मौलिक प्रयोगों और कथ्य के तीखेपन के कारण कैलाश सेंगर आज के गजलकारों में महत्त्वपूर्णऔर लोकप्रिय नाम है । गजलों के अलावा गीत, कविता, कहानी, नाटक आदिविधाओं में आप लेखन करते हैं ।
- पत्रकारिता के क्षेत्र में भी आपका उल्लेखनीय योगदान है । हिंदी के साथ-साथ मराठी भाषा पर भी आपका प्रभुत्व है ।
- आपके लेख में प्रस्तुत विचार सोचने को बाध्य करते हैं । आपकी साहित्यिक भाषा पाठकों के मन-बुद्धि को झकझोरकर रख देती है ।
प्रमुख कृतियाँ ः
- ‘सूरज तुम्हारा है’ (गजल संग्रह), ‘यहाँ आदमी नहीं, जूते भी चलते हैं’, ‘सुबह होने का इंतजार’ (कहानी संग्रह), ‘अभी रात बाकी है’ (अनूदित साहित्य) आदि ।
- विधा परिचय ः उर्दू कविता का लोकप्रिय प्रकार गजल है जिसे गढ़ने में शेरों की अहम भूमिका होती है । गजल की लोकप्रियता के फलस्वरूप इसे हिंदी ने भी अपना लिया है ।
- गजल हिंदी में आते-आते रूमानी भावभूमि से हटकर यथार्थ की जमीन पर खड़ी हो गई है । इन शेरों द्वारा हिंदी गजलों ने अपनी अभिव्यक्ति शैली के बल पर लोकप्रियता प्राप्त की है ।
पाठ परिचय ः
- प्रस्तुत शेरों में सामाजिक अव्यवस्था और विडंबना के विभिन्न चित्र शब्दों के माध्यम से व्यक्त किए गए हैं ।
- इस सामाजिक अव्यवस्था में आम आदमी की अनसुनी कराहें इन शेरों के माध्यम से कवि हम तक पहुँचाने का प्रयास करता है ।
- विवशताओं के कारण आम आदमी अपनी पीड़ा अभिव्यक्त करने में स्वयं को असमर्थ पाता है, ये शेर उन्हीं
- विवशताओं को व्यक्त करने का माध्यम बन जाते हैं । मनुष्य की इस विवशता को और उसे समाप्त करने के प्रयासों को कवि ने वाणी प्रदान की है ।
चुनिंदा शेर कविता 12वी हिंदी [ स्वाध्याय भावार्थ ]
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हिंदी कविता