छापा कविता का स्वाध्याय | छापा कविता स्वाध्याय | chhapa swadhyay hindi
कृति
कृतिपत्रिका के प्रश्न 2 [अ] तथा प्रश्न 2 [आ] के लिए
सूचना के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
प्रश्न 1. कृति पूर्ण कीजिए:
Solutions :
[ii]
प्रश्न 2. संजाल पूर्ण कीजिए:
Solutions :
प्रश्न 2. कृति पूर्ण कीजिए:
Solutions :
प्रश्न 3. कविता के आधार पर जोड़ियाँ मिलाइए:
अ - आ
अर्थ - बालों में
सुवर्ण - चेहरे पर
चाँदी - नई कविता में
मुद्रा - काव्य कृतियों में
Solutions :
[i] अर्थ - नई कविता में
[ii] सुवर्ण - काव्य कृतियों में
[iii] चाँदी - बालों में
[iv] मुद्रा - चेहरे पर।
प्रश्न 4. प्रवाह तालिका पूर्ण कीजिए:
4
Solutions :
प्रश्न 5. ऐसे प्रश्न बनाइए जिनके उत्तर निम्न शब्द हों
a. अरण्यकांड
b. तख्त
c. असफलता
d. अनधिकृत
Solutions :
a. कवि के घर में क्या देखकर छापा मारने वालों का खिला चेहरा मुरझा गया?
b. कवि छापा मारने वालों से अपने घर में क्या डलवाने के लिए कहते हैं?
c. कवि के घर छापा मारने पर छापा मारने वालों को क्या मिली?
d. छापा मारने वालों को लेखक से किस प्रकार का अर्थ चाहिए था?
प्रश्न 6. सोना, चाँदी, अर्थ और मुद्रा इन शब्दों के विभिन्न अर्थ बताते हुए कविता के आधार पर इनके अर्थ लिखिए।
Solutions :
26
प्रश्न 7. कर जमा करना, देश के विकास को गति देना हैं’ विषय पर अपने विचार लिखिए।
Solutions :
समाज में दो तरह के लोग होते हैं। एक वे, जो कर अदा करने लायक आय होने पर स्वेच्छा से ईमानदारी के साथ सरकार को कर अदा | कर देते हैं और दूसरे वे, जो कमाई तो जायज-नाजायज अंधाधुंध करते हैं, पर नियम के तहत कर अदा करने से कतराते हैं। यह मनोवृत्ति उचित नहीं है।
देश के विकास का कार्य जनता द्वारा प्राप्त कर से ही पूरा होता है। चिकित्सा, परिवहन तथा जनता की सहायतार्थ शुरू किए जाने वाले सारे कार्य जनता से प्राप्त कर से ही पूरे होते हैं। जिस देश में आय करने वाले सभी लोग ईमानदारी और स्वेच्छा से उचित मात्रा में कर अदा करते हैं, उस देश के विकास के सारे कार्य सुचारू रूप से पूरे होते हैं और सामान्य जनता को उसका पूरा-पूरा लाभ मिलता है।
यदि कोई व्यक्ति यह सोचता हो कि सभी लोग तो कर अदा करते हैं, उसके अकेले कर अदा न करने या कम कर का भुगतान करने से क्या फर्क पड़ेगा, ‘तो ऐसा सोचने वालों की संख्या अनगिनत हो सकती है। इस तरह कर की कितनी रकम सरकारी खजाने में जमा होने से रह जाती है। इस कारण पैसे के अभाव में सरकार की अनेक योजनाएँ अटकी रह जाती हैं। इसलिए कर योग्य आय पर ईमानदारी से कर जमा करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। कर अदा कर हम अपनी ही सहायता करते हैं। कर जमा करने से ही विकास को गति मिलती है।
उपयोजित लेखन
निम्न मुद्दों के आधार पर विज्ञापन तैयार कीजिए:
5
Solutions :
28
पद्यांश क्र. 1
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: [आकलन]
प्रश्न 1. संजाल पूर्ण कीजिए:
6
Solutions :
प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए:
[i] वे [छापा मारने वाले] रोष से बोले तो कवि किस प्रकार बोले?
[ii] वे [छापा मारने वाले] कड़ककर बोले तो कवि किस प्रकार बोले?
Solutions :
[i] वे रोष से बोले तो कवि जोश से बोले।
[ii] वे कड़ककर बोले तो कवि भड़ककर बोले।
प्रश्न 3. संजाल पूर्ण कीजिए:
Solutions :
प्रश्न 4. कविता के आधार पर जोड़ियाँ मिलाइए:
अ - आ
अर्थ - बालों में
सुवर्ण - चेहरे पर
चाँदी - नई कविता में
मुद्रा - काव्य कृतियों में
कृति 2: [शब्द संपदा]
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के दो-दो अर्थ लिखिए:
[i] सोना - [1] ……………………. [2] …………………….
[ii] अर्थ - [1] ……………………. [2] …………………….
[iii] नोट - [1] ……………………. [2] …………………….
[iv] चाँदी - [1] ……………………. [2] …………………….
Solutions :
[i] सोना - [1] [धातु] सोना [2] नींद लेना।
[ii] अर्थ - [1] संपत्ति [पैसा] [2] [साहित्य में] मतलब।
[iii] नोर्ट - [1] [रुपया] नोट [2] [परीक्षा के] टिप्पणी। .
[iv] चाँदी - [1] [धातु] चाँदी [2] [बालों में सफेदी] चाँदी।
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के विलोम शब्द लिखिए:
[i] रात × ………………………..
[ii] अनधिकृत × ………………………..
[iii] नई × ………………………..
[iv] धीरे-धीरे × ………………………..
Solutions :
[i] रात × दिन
[ii] अनधिकृत × अधिकृत
[iii] नई × पुरानी
[iv] धीरे-धीरे × जल्दी जल्दी
कृति 3: [सरल अर्थ]
प्रश्न. पद्यांश की अंतिम पाँच पंक्तियों - का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
Solutions :
अधिकारी कवि से छुपाकर रखी गई चाँदी निकालने के लिए कहते हैं। कवि चाँदी का अर्थ चाँदी जैसे सफेद हो गए अपने बालों से जोड़कर कहते हैं, “चाँदी तो मेरे सिर के बालों में आ रही है।” अधिकारी जब कड़ककर पूछते हैं कि उनके नोट [रुपये] कहाँ हैं, तो वे नोट का संबंध विद्यालय की परीक्षा के नोटों से जोड़कर जवाब देते हैं कि परीक्षा के नोट तो वे परीक्षा से एक महीने पहले तैयार करेंगे।
पद्यांश क्र. 2
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: [आकलन]
प्रश्न 1. संजाल पूर्ण कीजिए:
प्रश्न 2. आकृति पूर्ण कीजिए:
Solutions :
प्रश्न 3. ऐसे प्रश्न बनाइए जिनके उत्तर निम्नलिखित शब्द हों:
[i] मुद्रा
[ii] शयन कक्ष।
Solutions :
[i] कवि ने छापा मारने वालों से अपने मुँह पर क्या देखने के लिए कहा?
[ii] छापा मारने वाले कहाँ घुस गए?
प्रश्न 4. आकृति पूर्ण कीजिए:
Solutions :
कृति 2: [शब्द संपदा]
प्रश्न 1. निम्नलिखित शब्दों के वचन बदलकर लिखिए:
[i] मुद्राएँ - ……………………….
[ii] अलमारी - ……………………….
[iii] चेहरा - ……………………….
[iv] सूचना - ……………………….
Solutions :
[i] मुद्राएँ - मुद्रा
[ii] अलमारी - अलमारियाँ
[iii] चेहरा -चेहरे
[iv] सूचना -सूचनाएँ
प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्द-समूहों के लिए एक-एक शब्द लिखिए:
[i] किसी व्यक्ति या वस्तु को खोजना - ……………………….
[ii] मिट्टी का बर्तन जिसमें घन संग्रह किया जाए - ……………………….
Solutions :
[i] ढूँढ़ना
[ii] गुल्लक।
कृति 3: [सरल अर्थ]
प्रश्न. पद्यांश की प्रथम छह पंक्तियों का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
Solutions :
अधिकारियों ने गरजते हुए कहा, ‘हमारा कहने का मतलब आपकी मुद्रा [पैसों-सिक्कों] से है।” कवि ने इसका अर्थ मुख मुद्रा से जोड़कर जवाब दिया, “मुद्राएँ तो आप मेरे मुख पर देख लें।” अधिकारी यह उत्तर सुनकर कुछ सोचने लगे। फिर वे उनके सोने के कमरे में घुस गए और उनके फटे तकिए की रुई नोचने लगे [कि शायद पैसे इसमें छुपाकर रखे हों]।
पद्यांश क्र. 3
प्रश्न. निम्नलिखित पठित पद्यांश पढ़कर दी गई सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
कृति 1: [आकलन]
प्रश्न 1. आकृति पूर्ण कीजिए:
Solutions :
प्रश्न 2. संजाल पूर्ण कीजिए:
Solutions :
प्रश्न 3. ऐसे प्रश्न तैयार कीजिए, जिनके अर्थ निम्नलिखित शब्द हों:
[i] पलंग
[ii] धन।
Solutions :
[i] परिच्छेद में सोफे के अलावा सोने-चाँदी से बनी और किस वस्तु का उल्लेख हुआ है?
[ii] कवि के घर में क्या बिलकुल नहीं है?
कृति 2: [शब्द संपदा]
निम्नलिखित शब्दों में उचित उपसर्ग चुनकर शब्द लिखिए: [उप, अप, अ, अभि]
[i] यश - ……………………………….
[ii] ज्ञान - ……………………………….
[iii] मान - ……………………………….
[iv] वन - ……………………………….
उत्तर
[i] यश - अपयश
[iii] मान - अभिमान
[ii] ज्ञान - अज्ञान
[iv] वन - उपवन
कृति 3: [सरल अर्थ]
प्रश्न 1. उपर्युक्त पद्यांश की अंतिम छह पंक्तियों-‘जिनके घर में ….. डलवा दीजिए’ का सरल अर्थ 25 से 30 शब्दों में लिखिए।
Solutions :
जिन लोगों के घरों में सोने-चाँदी के पलंग और सोफे होते हैं, उन्हें आप लोग निकलवाकर ले लेते हैं। ठीक है निकलवा लीजिए [आपका काम ही निकलवा लेना है], पर जिनके घर में [टूटी] कुर्सी भी बैठने के लिए नहीं है, उनके घर में बैठने-सोने के लिए एक तखत की व्यवस्था तो करते जाइए।
भाषा अध्ययन [व्याकरण]
प्रश्न, सूचनाओं के अनुसार कृतियाँ कीजिए:
1. शब्द भेद:
अधोरेखांकित शब्दों के शब्दभेद पहचानकर लिखिए:
[i] वे कड़ककर बोले-चाँदी कहाँ है।
[ii] यह शोर कौन मचा रहा है?
[iii] छापा बहुत बड़ा था।
Solutions :
[i] चाँदी - द्रव्यवाचक संज्ञा।
[ii] कौन - प्रश्नवाचक सर्वनाम।
[iii] बड़ा - गुणवाचक विशेषण।
2. अव्यय:
निम्नलिखित अव्ययों का अपने वाक्यों में प्रयोग कीजिए:
[i] अंदर
[ii] आजकल
[iii] अब।
Solutions :
[i] वे घर के अंदर चले आए।
[ii] आजकल उनके अच्छे दिन नहीं हैं।
[iii] यह काम अब उनके वश का नहीं है।
3. संधि:
कृति पूर्ण कीजिए:
संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
………………. भोजन + आलय ……………….
अथवा
निश्चय ………………. ……………….
Solutions :
संधि शब्द संधि विच्छेद संधि भेद
भोजनालय भोजन + आलय स्वर संधि
अथवा
निश्चय निः + चय विसर्ग संधि
4. सहायक क्रिया:
निम्नलिखित वाक्यों में से सहायक क्रियाएँ पहचानकर उनका मूल रूप लिखिए:
[i] आप हमारे घर में कुछ न पा सकेंगे।
[ii] वे निराश होकर चले गए।
Solutions :
सहायक क्रिया - मूल रूप
सकेंगे - सकना
गए - जाना
5. प्रेरणार्थक क्रिया:
निम्नलिखित क्रियाओं के प्रथम प्रेरणार्थक और द्वितीय प्रेरणार्थक रूप लिखिए:
[i] देना
[ii] सोना।
Solutions :
क्रिया - प्रथम प्रेरणार्थक रूप - दुवितीय प्रेरणार्थक रूप
[i] देना - दिलाना - दिलवाना
[ii] सोना - सुलाना - सुलवाना
6. मुहावरे:
[1] निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग कीजिए:
[i] आँखें खुल जाना
[ii] ठहाका लगाना।
Solutions :
[i] आँखें खुल जाना।
अर्थ: सच्चाई का पता लग जाना। वाक्य: कवि के घर की हालत देखकर छापा मारने वालों की आँखें खुल गई।
[ii] ठहाका लगाना।
अर्थ: जोर से हँसना। वाक्य: बात-बात पर ठहाका लगाना किसी को अच्छा नहीं लगता।
[2] अधोरेखांकित वाक्यांश के लिए उचित मुहावरे का चयन कर वाक्य फिर से लिखिए: [खटका लगा रहना, ताँता लगा रहना] जर्जर बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को रात-दिन भय बना रहता है।
Solutions :
जर्जर बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को रात-दिन खटका लगा रहता है।
7. कारक:
निम्नलिखित वाक्यों में प्रयुक्त कारक पहचानकर उसका भेद लिखिए:
[i] छापा मारने वालों ने घर का कोना-कोना छान मारा।
[ii] तकिए से रुई नीचे गिर रही थी।
Solutions :
[i] वालों ने - कर्ता कारक।
[ii] तकिए से - अपादान कारक।
8. विरामचिह्न:
निम्नलिखित वाक्यों में यथास्थान उचित विरामचिह्नों का प्रयोग करके वाक्य फिर से लिखिए:
[a] जिनके घर सोने चाँदी के पलंग और सोफे हैं उन्हें आप निकलवा लेते हैं
[ii] वे बोले, क्षमा कीजिए हमें किसी ने गलत सूचना दे दी
Solutions :
[i] जिनके घर सोने-चाँदी के पलंग और सोफे हैं उन्हें आप निकलवा लेते हैं।
[ii] वे बोले, “क्षमा कीजिए, हमें किसी ने गलत सूचना दे दी।”
9. काल परिवर्तन:
निम्नलिखित वाक्यों का सूचना के अनुसार काल परिवर्तन कीजिए:
[i] अधिकारियों को गुस्सा आता है। [सामान्य भविष्यकाल]
[ii] उन्होंने रसोई में खाली पड़े डिब्बे टटोले। [अपूर्ण वर्तमानकाल]
[iii] उनके हृदय में करुण रस समा गया था। [सामान्य वर्तमानकाल]
Solutions :
[i] अधिकारियों को गुस्सा आएगा।
[ii] वे रसोई में खाली पड़े डिब्बे टटोल रहे हैं।
[iii] उनके हृदय में करुण रस समा जाता है।
10. वाक्य भेद:
[1] निम्नलिखित वाक्यों का रचना के आधार पर भेद पहचानकर लिखिए:
[i] उनका खिला हुआ चेहरा मुरझा गया।
[ii] उन्होंने रसोईघर की पीपियाँ टटोली, जो खाली थीं।
[iii] कनस्तरों को ढूँढा, मटकों को ढूँढा, परंतु कहीं कुछ नहीं मिला।
Solutions :
[i] सरल वाक्य
[ii] मिश्र वाक्य
[iii] संयुक्त वाक्य।
[2] निम्नलिखित वाक्यों का अर्थ के आधार पर दी गई सूचना के अनुसार वाक्य परिवर्तन कीजिए:
[i] हाय ! मेरे घर पर छापा पड़ा। [विधानवाचक वाक्य]
[ii] तुम हमारी बात नहीं समझे। [प्रश्नवाचक वाक्य]
[iii] अर्थ तो मेरी कविताओं में आपको मिल सकता है। [संदेहवाचक वाक्य]
Solutions :
[i] मेरे घर पर छापा पड़ा।
[ii] क्या तुम हमारी बात समझे?
[iii] अर्थ तो शायद मेरी कविताओं में आपको मिल सकता है।
11. वाक्य शुद्धिकरण:
निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध करके वाक्य फिर से लिखिए:
[i] वे बोले, मैं मेरा काम कर रहे हैं।
[ii] इस घर में अनेकों खाली पीपी हैं।
Solutions :
[i] वे बोले, मैं अपना काम कर रहा हूँ।
[ii] इस घर में अनेक खाली पीपियाँ हैं।
छापा Summary in Hindi
विषय-प्रवेश : आयकर विभाग के अधिकारी प्रामाणिक सूचनाओं के आधार पर अनधिकृत रूप से अर्जित धन का पता लगाने और उसे अधिकार में लेने के लिए छापा मारते हैं। प्रस्तुत कविता में कवि ने अपने घर पर छापा मारने वालों द्वारा छापा मारने के बाद की स्थिति का व्यंग्यात्मक एवं रोचक चित्रण किया है। छापे के दौरान अधिकारियों को वहाँ सोना-चाँदी तो दूर रसोईघर की पीपियों में पेट भरने के लिए जरूरी सामान भी नहीं मिलता।
कवि ने कविता के माध्यम से छापा मारने वालों की कार्य-प्रणाली और आम आदमी की आर्थिक स्थिति का वास्तविक चित्रण किया है। इसके साथ ही कवि ने व्यवस्था से एक ज्वलंत प्रश्न भी पूछा है कि जब वह अनधिकृत रूप से अर्जित घन अपने अधिकार में कर लेती है, तो अधिकृत रूप से अर्जित आय से जिनके पेट नहीं भरते, वह उनकी सहायता करने की कुछ व्यवस्था क्यों नहीं करती?
छापा कविता का सरल अर्थ
[आयकर विभाग वाले कर चोरी करने वालों और नाजायज ढंग से संपत्ति अर्जित करने वाले लोगों के घर और कार्यालय पर छापा मारते हैं। कवि के घर पर छापा पड़ा, तो कवि माँगी गई वस्तुओं को साहित्य में इस्तेमाल किए जाने वाले शब्दों से जोड़कर व्यंग्योक्ति में जबाब देते हैं।]
1. मेरे घर ………………………….उन्हें कैसे दे दूँ।
कवि कहते हैं कि मेरे घर पर आयकर विभाग का छापा पड़ा। वह भी कोई छोटा-मोटा नहीं, बहुत बड़ा छापा पड़ा। अधिकारी मेरे घर पर पूछताछ करने के लिए आए। वे सीधे घर में घुस गए और पूछने लगे, “सोना कहाँ रखा है?” कवि उन्हें जबाब देते हैं-सोना! वह तो मेरी आँखों में है, मैं कई रात से सोया नहीं हूँ। अधिकारियों को इस पर गुस्सा आता है। वे प्रश्न को और स्पष्ट करते हैं, “स्वर्ण दो।” लेखक स्वर्ण को सुवर्ण से जोड़ते हैं और जबाब देते हैं कि सुवर्ण तो उन्होंने अपने काव्य में बिखेरे हैं। उसे वे उन्हें कैसे सौंप दें।
2. वे झुंझलाकर …………………………. पहले करूंगा तैयार।
अधिकारी कवि का जवाब सुनकर झुंझलाकर कहते हैं, ‘तुम हमारी बात समझे नहीं। हमें तुम्हारा वह अर्थ चाहिए, जिसे तुमने अनधिकृत रूप से अर्जित किया है। कवि अधिकारियों के अर्थ [धन] शब्द को कविता के अर्थ से जोड़कर मुसकराकर जवाब देते हैं कि अर्थ तो मेरी नई कविताओं में आपको मिल सकता है। फिर अधिकारी कवि से छुपाकर रखी गई चाँदी निकालने के लिए कहते हैं। कवि चाँदी का अर्थ चाँदी जैसे सफेद हो गए अपने बालों से जोड़कर कहते हैं, “चाँदी तो मेरे सिर के बालों में आ रही है।” अधिकारी जब कड़ककर पूछते हैं कि उनके नोट [रुपये] कहाँ हैं, तो वे नोट का संबंध विद्यालय की परीक्षा के नोटों से जोड़कर जवाब देते हैं कि परीक्षा के नोट तो वे परीक्षा से एक महीने पहले तैयार करेंगे।
3. वे गरजकर बोले, …………………………. एक ही तत्त्व खाली।
अधिकारियों ने गरजते हुए कहा, “हमारा कहने का मतलब आपकी मुद्रा [पैसों-सिक्कों] से है।” कवि ने इसका अर्थ मुख मुद्रा से जोड़कर जवाब दिया, “मुद्राएँ तो आप मेरे मुख पर देख लें।’ अधिकारी यह उत्तर सुनकर कुछ सोचने लगे। फिर वे उनके सोने के कमरे में घुस गए और उनके फटे तकिए की रुई नोचने लगे [कि शायद पैसे इसमें छुपाकर रखे हों]। कवि कहते हैं कि अधिकारियों ने उनकी टूटी हुई अलमारी खोली, उनकी रसोई में खाली पड़े पीपों को टटोला, बच्चों का गुल्लक खोल-खोलकर देखा, पर उन्हें कहीं कुछ भी नहीं मिला। सब कुछ खाली था।
4. कनस्तरों को, …………………………. सूचना दे दी।
कवि कहते हैं कि अधिकारियों ने उनके घर में पड़े कनस्तरों और पानी रखने के लिए मटकों तक को टटोला, देखा, पर उन्हें सब खाली मिले। वे कहते हैं कि अधिकारियों ने मेरे घर में ऐसा निर्जन दृश्य देखा तो उनका खिला हुआ चेहरा मुरझा गया। [क्योंकि, उन्होंने सोचा था कि छापे में काफी धन मिलेगा, पर यहाँ तो कहीं कुछ भी नहीं था।] अब अधिकारियों का गुस्सा शांत हो गया था। उनके मन में दया के भाव आ गए थे। कवि से उन्होंने क्षमा माँगी और बताया कि किसी की गलत सूचना पर वे उसके यहाँ आ गए थे।
5. अपनी असफलता …………………………. तो डलवा दीजिए।
अधिकारियों को कवि के घर में कुछ न मिला, तो वे पछताने लगे। उनके सिर शर्म से झुक गए। वे वापस जाने लगे, तो कवि ने उन्हें रोककर कहा, “आप मेरी एक बात सुन लीजिए। यदि छापे के दौरान मेरे घर में आपको अधिक धन मिलता, तो आप उसे ले लेते। अब आपने देख लिया कि मेरे घर में कोई धन नहीं है। ऐसी हालत में [मेरी यह स्थिति देखकर] आप मुझे कुछ [धन] देकर तो जाइए। जिन लोगों के घरों में सोने-चाँदी के पलंग और सोफे होते हैं, उन्हें आप लोग निकलवाकर ले लेते हैं। ठीक है निकलवा लीजिए [आपका काम ही निकलवा लेना है], पर जिनके घर में [टूटी] कुर्सी भी बैठने के लिए नहीं है, उनके घर में बैठने-सोने के लिए एक तखत की व्यवस्था तो करते जाइए।
छापा कविता का स्वाध्याय | छापा कविता स्वाध्याय | chhapa swadhyay hindi
जन्म ः १९३६, गुरुग्राम (हरियाणा)
मृत्यु ः २००९, भोपाल (म.प्र.)
परिचय ः ओमप्रकाश ‘आदित्य’
हिंदी की वाचिक परंपरा में
हास्य-व्यंग्य के शिखर पुरुष होने के
साथ-साथ छंद शास्त्र तथा काव्य
की गहनतम संवेदना के पारखी थे ।
आप हिंदी कवि सम्मेलनों में
हास्य-व्यंग्य के पुरोधा थे ।
प्रमुख कृतियाँ ः ‘इधर भी गधे हैं-
उधर भी गधे हैं’, ‘मॉडर्न शादी’,
‘गोरी बैठी छत पर’ (काव्यसंग्रह)
आदि
छापा कविता का स्वाध्याय | छापा कविता स्वाध्याय | chhapa swadhyay hindi
मेरे घर छापा पड़ा, छोटा नहीं बहुत बड़ा
वे आए,
घर में घुसे, और बोले-सोना कहाँ है ?
मैंने कहा-मेरी आँखों में है,
कई रात से नहीं सोया हूँ
वे रोष मंे आकर बोले-स्वर्ण दो स्वर्ण !
मैंने जोश में आकर कहा-सुवर्ण मैंने अपने काव्य में बिखेरे हैं
उन्हें कैसे दे दूँ ।
वे झुँझलाकर बोले, तुम समझे नहीं
हमें तुम्हारा अनधिकृत रूप से अर्जित अर्थ चाहिए
मैं मुसकाकर बोला, अर्थ मेरी नई कविताओं में है
तुम्हें मिल जाए तो ढूँढ़ लो
वे कड़ककर बोले, चाँदी कहाँ है ?
मैं भड़ककर बोला-मेरे बालों में आ रही है
धीरे-धीरे
वे उद्भ्रांत होकर बोले,
यह बताओ तुम्हारे नोट कहाँ हैं ?
परीक्षा से एक महीने पहले करूँगा तैयार
वे गरजकर बोले,
हमारा मतलब आपकी मुद्रा से है
मैं लरजकर बोला,
मुद्राएँ आप मेरे मुख पर देख लीजिए,
वे खड़े होकर कुछ सोचने लगे
फिर शयन कक्ष में घुस गए
और फटे हुए तकिये की रूई नोचने लगे
उन्होंने टूटी अलमारी को खोला
रसोई की खाली पीपियों को टटोला
बच्चों की गुल्लक तक देख डाली
पर सब में मिला एक ही तत्त्व खाली...
कनस्तरों को, मटकों को ढूॅंढ़ा सब में मिला शून्य-ब्रह्मांड
देखकर मेरे घर में ऐसा अरण्यकांड
उनका खिला हुआ चेहरा मुरझा गया
और उनके बीस सूची हृदय में
रौद्र की जगह करुण रस समा गया,
वे बोले, क्षमा कीजिए, हमें किसी ने गलत सूचना दे दी
अपनी असफलता पर वे मन ही मन पछताने लग
सिर झुकाकर वापिस जाने लगे
मैंने उन्हें रोककर कहा, ठहरिए !
सिर मत धुनिए मेरी एक बात सुनिए
मेरे घर में अधिक धन होता तो आप ले जाते
अब जब मेरे घर में बिल्कुल धन नहीं है
तो आप मुझे कुछ देकर क्यों नहीं जाते
जिनके घर में सोने-चाँदी के पलंग और सोफे हैं
उन्हंंे आप निकलवा लेते है
बहुत अच्छी बात है, निकलवा लीजिए
पर जिनके घर में बैठने को कुछ भी नहीं
उनके यहाँ कम-से-कम
एक तख्त तो डलवा दीजिए ।
छापा कविता का स्वाध्याय | छापा कविता स्वाध्याय | chhapa swadhyay hindi
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