निबंध लेखन हिंदी | Nibandh Lekhan in hindi | Essay in Hindi
निबंध लेखन एक कला है । निबंध का शाब्दिक अर्थहोता है ‘सुगठित अथवा ‘सुव्यवस्थित रूप में बँधा हुआ’ । साधारण
गद्य रचना की अपेक्षा निबंध में रोचकता और सजीवता पाई जाती है । निबंध गद्य में लिखी हुई रचना होती है, जिसका आकार
सीमित होता है ।
उसमें किसी विषय का प्रतिपादन अधिक स्वतंत्रतापूर्वक और विशेष अपनेपन और सजीवता के साथ किया
जाता है । एकसूत्रता, व्यक्तित्व का प्रतिबिंब, आत्मीयता, कलात्मकता निबंध के तत्त्व माने जाते हैं । इन तत्त्वों के आधार पर
निबंध की रचना की जाती है
निबंध लिखते समय निम्नलिखित बातों की ओर ध्यान दें
- प्रारंभ, विषय विस्तार, समापन इस क्रम से निबंध लेखन करें ।
- विषयानुरूप भाषा का प्रयोग करें ।
- भाषा प्रवाही, रोचक और मुहावरेदार हो ।
- कहावतों, सुवचनों का यथास्थान प्रयोग करें ।
- शुद्ध, सुवाच्य और मानक वर्तनी के अनुसार निबंध लेखन आवश्यक है ।
- सहज, स्वाभाविक और स्वतंत्र शैली में निबंध की रचना हो ।
- विचार स्पष्ट तथा क्रमबद्ध होने आवश्यक हैं।
- निबंध की रचना करते समय शब्द चयन, वाक्य-विन्यास की ओर ध्यान आवश्यक देना है ।
- निबंध लेखन में विषय को प्रतिपादित करने की पद्धति के साथ ही कम-से-कम चार अनुच्छेदों की रचना हो ।
- निबंध का प्रारंभ आकर्षक और जिज्ञासावर्धक हो ।
- निबंध के मध्यभाग में विषय का प्रतिपादन हो । निबंध का मध्यभाग महत्त्वपूर्णहोता है इसलिए उसमें नीरसता न हो ।
- निबंध का समापन विषय से संबंधित, सुसंगत, उचित, सार्थक विचार तक ले जाने वाला हो ।
आत्मकथनात्मक निबंध लिखते समय आवश्यक महत्त्वपूर्ण बातें ः
- आत्मकथन अर्थात एक तरह का परकाया प्रवेश है ।
- किसी वस्तु, प्राणी, पक्षी, व्यक्ति की जगह पर स्वयं को स्थापित/ आरोपित करना होता है ।
- आत्मकथनात्मक लेखन की भाषा प्रथमपुरुष, एकवचन में हो । जैसे - मैं .... बोल रहा/रही हँू ।
- प्रारंभ में विषय से संबंधित उचित प्रस्तावना, सुवचन, घटना, प्रसंग संक्षेप में लिख सकते हैं सीधे ‘मैं... हँू’ से भी प्रारंभ किया जा सकता है ।
वैचारिक निबंध लिखते समय आवश्यक बातें ः
- वैचारिक निबंध लेखन में विषय से संबंधित विचारों को प्रधानता दी जाती है ।
- वर्णन, कथन, कल्पना से बढ़कर विचार महत्त्वपूर्ण होते हैं ।
- विचार के पक्ष-विपक्ष में लिखना आवश्यक होता है ।
- विषय के संबंध में विचार, मुद्दे, मतों की तार्किक प्रस्तुति महत्त्वपूर्णहोती है ।
- पूरक पठन, शब्दसंपदा, विचारों की संपन्नता जितनी अधिक होती है उतना ही वैचारिक निबंध लिखना हमारे लिए सहज होता है ।